बदतमीज दादाजी : बेटा पानी ले आ। पहला पोता : मैं नहीं जा सकता, गेम खेल रहा हूं। दूसरा पोता : रहने दो दादाजी, इससे मत कहो। यह तो है ही बदतमीज। आप तो खुद ही जाकर ले आओ। और एक गिलास मेरे लिए भी ले आइएगा। *** चैन से आत्महत्या घर में कलह होने के बाद पति ने गुस्से में पंखे से रस्सी का फंदा लटकाया और स्टूल पर चढ़कर गले में डालने को तैयार हो गया। पत्नी : जो कुछ करना है जल्दी तय कर लो। पति : मुझे तुम शांति से मरने भी नहीं दोगी? पत्नी : अरे मुझे स्टूल की जरूरत है। *** दो गोलियां ठाकुर साहब के यहां मेहमान आए तो वे अंदर से बंदूक निकाल के ले आए और हवा में ही दो गोलियां चला दीं। मेहमान भौंचक्का सा देखता रहा। फिर उसने पूछा, ‘भाईसाहब ये दो गोलियां क्यों चलाईं?’ ठाकुर साहब : चाय वाले को दो चाय बोली हैं!
Friday, January 9, 2015
जब दादाजी ने पोते से कहा एक गिलास पानी के लिए
बदतमीज दादाजी : बेटा पानी ले आ। पहला पोता : मैं नहीं जा सकता, गेम खेल रहा हूं। दूसरा पोता : रहने दो दादाजी, इससे मत कहो। यह तो है ही बदतमीज। आप तो खुद ही जाकर ले आओ। और एक गिलास मेरे लिए भी ले आइएगा। *** चैन से आत्महत्या घर में कलह होने के बाद पति ने गुस्से में पंखे से रस्सी का फंदा लटकाया और स्टूल पर चढ़कर गले में डालने को तैयार हो गया। पत्नी : जो कुछ करना है जल्दी तय कर लो। पति : मुझे तुम शांति से मरने भी नहीं दोगी? पत्नी : अरे मुझे स्टूल की जरूरत है। *** दो गोलियां ठाकुर साहब के यहां मेहमान आए तो वे अंदर से बंदूक निकाल के ले आए और हवा में ही दो गोलियां चला दीं। मेहमान भौंचक्का सा देखता रहा। फिर उसने पूछा, ‘भाईसाहब ये दो गोलियां क्यों चलाईं?’ ठाकुर साहब : चाय वाले को दो चाय बोली हैं!
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